कविता मेरे लिए, मेरे आत्म का, शेष जीवन जगत के साथ चलनेवाला रचनात्मक संवाद है। कविता भले शब्दों में बनती हो लेकिन वह संवाद अंतत: अनुभूति के धरातल पर करती है। इसलिए प्रभाव के स्तर पर कविता चमत्कार की तरह लगती है। इसलिए वह जादू भी है। सौंदर्यपरक, मानवीय, हृदयवान, विवेकशील अनुभूति का अपनत्व भरा जादू। कविता का सम्बन्ध मूल रूप से हृदय से जोड़ा जाता है, लेकिन इसका अर्थ यह नहीं समझना चाहिए कि उसका बुद्धि से कोई विरोध होता है। बल्कि वहाँ तो बुद्धि और हृदय का संतुलित समायोजन रहता है; और उस समायोजन से उत्पन्न विवेकवान मानवीय उर्जा के कलात्मक श्रम और श्रृजन की प्रक्रिया में जो फूल खिलते हैं, वह है कविता ... !
What he said
is all lie
What he wrote
is all lie
What he thought
is all lie
The whole life he lived
was just a fake
He has nothing to give
He has nothing to take.
The money --
only money is flying here
through out the sky
and the man --
poor man is falling down
and down and down ...
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